विचारणीय बाते
By ज्योतिर्विद अभय पाण्डेय
कुंडली का फलकथन करने से पूर्व विचार करने योग्य बातें :-1. किसी भी ग्रह की महादशा में उसी ग्रह की अन्तर्दशा अनुकूल फल नहीं देती। 2. योगकारक ग्रह की महादशा में पापी या मारक ग्रह की अन्तर्दशा आने पर प्रारंभ में शुभ फल तथा उत्तरार्द्ध में अशुभ फल देने लगता है। 3. अकारक ग्रह की महादशा में कारक ग्रह की अन्तर्दशा आने पर प्रारंभ में अशुभ तथा उत्तरार्द्ध में शुभ फल की प्राप्ति होती है।4. भाग्य स्थान का स्वामी यदि भाग्य भाव में बैठा हो और उस पर गुरु की दृष्टि हो तो ऐसा व्यक्ति प्रबल भाग्यशाली माना जाता है।5. लग्न का स्वामी सूर्य के साथ बैठकर विशेष अनुकूल रहता है।6. सूर्य के समीप निम्न अंशों तक...