ग्रहों के कमजोर व दुष्प्रभावी होने पर व्यक्ति के जीवन में विघ्न-बाधाएं आनी शुरू हो जाती हैं। ग्रह शांति के लिए घर-परिवार से जुड़े कुछ ऐसे उपाय भी हैं, जिनको नियमित रूप से करने से ग्रह शांत व प्रबल होते हैं, साथ ही पारिवारिक रिश्तों में मधुरता आती है। ग्रहों को शांत करने के उपाय निम्न हैं।
सूर्य
सूर्य कमजोर होने व उसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को पिता एवं बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। सूर्योदय से पूर्व उठ कर सूर्य नमस्कार करना चाहिए। किसी भी महत्वपूर्ण काम पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
चंद्र
व्यक्ति को अपनी मां और बुजुर्ग महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। रात में घूमने-फिरने से बचना चाहिए। घर में दूषित जल का संग्रह नहीं करना चाहिए। सफेद सुगन्धित फूलों वाले पौधों को घर में लगा कर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
मंगल
प्रति दिन सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। भाइयों के साथ मिठाई आदि का सेवन करना चाहिए। अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या पेड़ लगा कर उनकी देखभाल करनी चाहिए।
बुध
भाई-बहनों का सम्मान करें। अनाथ व निर्धन विद्यार्थियों की मदद करें। घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी देखभाल करें। रविवार को छोड़कर नियमित रूप से तुलसी में जल दें। बुधवार के दिन तुलसी के पत्ते का सेवन जरूर करें। घर में कंटीले पौधे व झाडिय़ा नहीं लगाएं। घरों में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथों को न रखें।
गुरु
गुरु को प्रबल बनाने एवं इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए माता-पिता, गुरुजनों, ब्राह्मणों एवं संतों का सम्मान करें। मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थल पर नि:शुल्क सेवा करनी चाहिए। किसी भी मंदिर या धार्मिक स्थल के सामने से निकलने के दौरान श्रद्धा से अपना सिर झुकाना चाहिए। पर-स्त्री एवं पर-पुरुष से सम्बन्ध नहीं रखने चाहिएं। गाय को रोटी, गुड़ व चने की दाल खिलानी चाहिए। गाय की सेवा करने से भी गुरु अनुकूल प्रभाव देता है।
शुक्र
यदि व्यक्ति का शुक्र ग्रह खराब है तो उसे पत्नी से मधुर सम्बन्ध रखने चाहिएं। काली चींटियों को चीनी खिलानी चाहिए। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय दस साल से कम आयु की कन्या के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए। किसी कन्या के विवाह में कन्यादान का अवसर मिले तो अवश्य कन्यादान करना चाहिए।
शनि
हनुमान जी को तिन मंगलवार ल्दुओन का भोग लगावें ,पुजारी जो प्रशाद वापिस दे उसे पहले बाँट कर खुद ग्रहण करना चाहिए। शनिवार को चमड़े, लकड़ी की वस्तुएं व किसी भी प्रकार का तेल नहीं खरीदना चाहिए। दाढ़ी व बाल नहीं कटवाने चाहिएं। किसी दु:खी व्यक्ति के आंसू अपने हाथों से पोंछने चाहिएं। पीपल के पेड़ में तिल्ली के तेल का दीपक जलाना चाहिए। नौकरों, वृद्धों एवं गरीबों का सम्मान करना चाहिए।
राहू
यदि व्यक्ति राहु से पीड़ित है तो कुष्ठ रोगियों की सेवा करनी चाहिए। निर्धन व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए। झूठी कसमें नहीं खानी चाहिएं। मदिरा व तम्बाकू का सेवन नहीं करें।
केतु
केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए दान करें। शनिवार व मंगलवार का व्रत करें। बजरंग बली के सप्ताह में कोई से दो दिन चोला चढ़ाना भी शुभ होता है। शाम को खाने के बाद कुत्ते को रोटी देने से और सुबह की शुरूआत मां के चरण स्पर्श करने से भी केतु प्रतिकूल प्रभाव नहीं देता। किसी को भी अपने मन की बात नहीं बताएं।
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